page-header

Santosh Bhartiya

AUTHOR OF THE BOOK

भारत के सबसे ‘निर्भीक और विश्वसनीय पत्रकार के रूप में विख्यात संतोष भारतीय ने अपनी सामाजिक सक्रियता का सफ़र आठवें दशक के आरंभिक वर्षों में शुरू किया। उन्होंने अपने साथियों के साथ बिहार में ‘दाम बाँधो’ आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन को जे.पी आंदोलन का शुरुआती चरण माना जाता है। इस आंदोलन के चलते सबसे पहले जिन तीन लोगों की गिरफ़्तारी मीसा में हुई उनमें संतोष भारतीय भी थे। जयप्रकाश नारायण ने सारे देश में आंदोलन शुरू करने के लिए जिन अट्ठारह लोगों की टीम बनाई उसमें संतोष भारतीय एक सदस्य थे। बाद में संतोष भारतीय को जे.पी ने अपने संगठन ‘संघर्ष वाहिनी’ का ऊ.प्र का संयोजक नियुक्त किया । आपातकाल के बाद, जे.पी की सलाह पर ही वे पत्रकारिता में आए।

आनंद बाज़ार की बहुचर्चित साप्ताहिक पत्रिका ‘रविवार’ के विशेष संवाददाता के रूप में उन्होंने पत्रकारिता का सफर शुरू किया। दस साल तक यहाँ काम करने के बाद ‘द टेलीग्राफ़’ में भी विशेष संवाददाता रहे। 1985 में दूरदर्शन पर ‘करंट अफ़ेयर्स’ का प्रोग्राम ‘न्यूज़लाइन’ शुरू हुआ। संतोष भारतीय यहाँ भी विशेष संवाददाता रहे। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में न्यूज़ के साथ फूटेज दिखाने के चलन का ‘आरंभकर्ता’ इन्हीं को माना जाता है। 1998 में उन्होंने ‘हेड-लाइन’ न्यूज़ और फ़ीचर एजेन्सी शुरू की जो उस समय के लगभग तीन हज़ार समचार पत्र और पत्रिकाओं को समाचार और फ़ीचर मुहैया करवाती थी। देश के पहले निजी न्यूज़ चैनल ‘जैन टीवी’ के लिए भी संतोष भारतीय ने ‘ट्रेंड सेटर’ प्रोग्राम बनाए और यादगार एंकरिंग की।

1986 में उन्होंने पूर्व सांसद और उद्योगपति कमल मोरारका के साथ ‘चौथी दुनिया’ अख़बार शुरू किया। भारत में, हिन्दी का यह पहला साप्ताहिक अख़बार है । इस अख़बार ने एक प्रधानमंत्री को हटाने और एक को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही ।

1989 में संतोष भारतीय ने फ़र्रुखाबाद से लोक सभा का चुनाव जीता। वे उस नौंवीं लोक सभा के सदस्य रहे जिसमें वी. पी. सिंह प्रधानमंत्री थे और संसद में चंद्रशेखर, राजीव गाँधी, लालकृष्ण आडवाणी, सोमनाथ चटर्जी, एन.जी रंगा और रबी रे जैसे दिग्गजों की मौजूदगी थी। संसद सदस्य रहते हुए संतोष भारतीय ने ‘ प्रसार भारती बिल’ रखते हुए माँग की, कि संसद की कार्यवाही जनता को दूरदर्शन के माध्यम से लाइव दिखाई जानी चाहिए, यह नौंवीं लोक सभा थी पर दसवीं लोक सभा ने इसे मान दूरदर्शन पर लाइव दिखाना शुरु किया। सांसद रहते हुए उन्होंने ‘धर्मयुग’, ‘इलस्ट्रेटेड वीकली’. ‘पंजाब केसरी’ और ‘करंट’ जैसी चर्चित पत्रिकाओं में सामाजिक विषयों पर लगातार लिखा। कुछ समय के बाद पुन: ‘चौथी दुनिया’ शुरू किया। इस अखबार के अंतर्गत लगभग 600 ऐसी ‘ब्रेकिंग स्टोरी’ की गईं, जिसने देश की राजनीति और उद्योग जगत पर कई बार निर्णायक प्रभाव डाला । लोक सभा और राज्य सभा में अनेक बार ‘चौथी दुनियां’ अख़बार की प्रतियाँ लहराई गईं और उन पर वाद-विवाद हुआ। संतोष भारतीय लगातार सभी महत्वपूर्ण न्यूज़ चैनलों के मुख्य पैनेलिस्ट के तौर पर दिखाई देते रहे हैं।

इन दिनों, चौथी दुनिया के अलावा संतोष भारतीय डिजिटल जगत का बहुचर्चित ब्रांड ‘लाउड इंडिया टी.वी के फाउंडर-एडिटर-डायरेक्टर हैं और लोकप्रिय विश्लेषक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों के त्वरित टिप्पणीकार के रूप में जाने जाते हैं। 2021 ‘ किसान आंदोलन काल’ के नाम से जाना जाएगा। किसानो के समर्थन में सही और सटीक जानकारी जनता को देने के लिए संतोष भारतीय इन दिनों चर्चा में हैं। उनके लाखों प्रशंसक और फॉलोअर्स हैं।

 

Books By Santosh Bhartiya

Sb book urdu
348-x-505px